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आखिर क्यों था ,प्लासी का युद्ध इतना महत्वपूर्ण
प्लासी का युद्ध

 

प्लासी की लड़ाई में, नवाब के पक्ष से सबसे प्रभावी 500 दस्ते और ब्रिटिश पक्ष से केवल 29 मारे गए थे। इसलिए, प्लासी का युद्ध अब सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं था, हालांकि इसके राजनीतिक परिणाम बहुत दूरगामी और महत्वपूर्ण साबित हुए। जिसने भारत के इतिहास  ( Bharat Ka Itihas )को बदल डाला।  नवाब की काफी नौसेना की हार का मूल कारण उसके सेनापतियों के विश्वासघात में बदल गया। क्लाइव ने जगत सेठ और मीर जाफर की महत्वाकांक्षाओं का लाभ उठाया।

प्लासी की लड़ाई के बाद, बंगाल में एक नई तकनीक शुरू हुई, जिसने अब बंगाल में क्रांति नहीं की, बल्कि ईस्ट इंडिया कंपनी के चरित्र में भी क्रांति ला दी। प्लासी की लड़ाई आधुनिक भारत (Adhunik Bharat Ka Itihas )के लिए एक निर्णायक युद्ध साबित हुआ। 

प्लासी के युद्ध के महत्व 

(१.) राजनीतिक महत्व:

प्लासी की लड़ाई से बंगाल के तात्कालिक शासन तंत्र का खोखलापन बाधा में बदल गया और हिंदुओं और मुसलमानों के आंतरिक मतभेदों का पता चला, जिससे यह साफ हो गया कि अमीर हिंदू नहीं कर पाएंगे बंगाल में मुस्लिम शासन को रोकने के लिए कुछ भी करें। आप विदेशियों के साथ भी हद तक गठजोड़ कर सकते हैं।

(२.) आर्थिक महत्व:

बंगाल भारत के सबसे समृद्ध प्रांत में बदल गया। बंगाल में ईस्ट इंडिया कंपनी को 24 परगने की जागीरें दी जाती थीं। प्लासी की लड़ाई से पहले, कंपनी को भारत में सामान खरीदने के लिए इंग्लैंड से सोना और चांदी ले जाने की जरूरत थी। अब उसे भारत में ही इतना पैसा मिलना शुरू हो गया था कि उसे सभी महत्वपूर्ण गैजेट खरीदने चाहिए।

(३.) नैतिक महत्व:

प्लासी की लड़ाई ने भारत की राजनीति के भीतर नैतिक पतन के एक नए युग की शुरुआत की। नवाब के विश्वस्त सेनापतियों ने युद्ध के मैदान में नवाब को धोखा देकर पराजित किया। इस युद्ध के बाद बंगाल में पैसे की अंधी लूट हुई है। बंगाल का नवाब बनने के बाद मीर जाफर ने 1757 और 1760 ई. के बीच अंग्रेजों को लगभग 3 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में दिए।

(४.) ऐतिहासिक महत्व:

प्लासी की लड़ाई का अविश्वसनीय प्राचीन महत्व है। इस युद्ध के बाद पहली बार एजेंसी को राजनीतिक सत्ता दी गई।

जाने अपने bharat ka itihaas  - विश्व इतिहास का गौरव